दिल्ली/ रोहिणी/ सपनें ..सपनें तो अपने होते हैं, जो की हम काली अंधयारी रातो में या फिर कभी कभी दिन में भी देख लेते हैं, इन सपनों पर हमारा जोर नहीं होता हैं लेकिन जिन सपनो की मैं बात कर रही हूँ वो हैं कुछ कर गुजरने का सपना ..जिंदगी में अपने मुकाम को पाने का सपना ..अपने लक्ष्य को हासिल करने का सपना ..ख्वाब को हकीकत में बदलने का सपना ..और इन सब से भी भड़कर अपनों को एक नई पहचान के साथ नाम देना ..वो भी ऐसा नाम जिसे हर कोई जाने …
आज मैं ऐसी एक मासूम लड़की की बात कर रही हूँ जो पुलिस में भर्ती होकर अपने माँ – बाप के सपनें को या यूं कहे की उनके ख्वाब को पूरा करना चाहती थी और वो लड़की अपने इसी ख्वाब को पूरा करने के उधेड़बुन में लग गई थी ..लेकिन उसे दिलफेंक दबंग लड़कों ने इतना प्रताड़ित किया की उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली ..
यह घटना हैं रोहणी जिले में अलीपुर थाना एरिया के बख्तारपुर गांव में 12 वी क्लास की एक छात्रा की जिसने फांसी लगाकर आत्मा हत्या कर ली … छात्रा ने मरने से पहले सुसाइड नोट लिखा हैं जिसमें उसने अपने घर के आसपास के लड़कों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। लड़की ने लिखा है कि उसके घर के चारों तरफ के लड़के उसे जीने नहीं दे रहे। परिजनों ने पास के एक लड़के पर छेड़खानी और तंग करने का आरोप लगाया है। नोट में लड़की ने अपने मम्मी-पापा को प्यार आदि लिखते हुए मौत का जिम्मेदार आसपास के लड़कों को माना है जो उसे जीने नहीं देते। दरअसल परिजनों के मुताबिक पड़ोस का एक लड़का लंबे वक्त से लड़की के साथ छेड़खानी कर रहा था। उसे पुलिस भर्ती में सहयोग करने की बात कहकर उसे दौड़ आदि भी करवाता था और उसके साथ गलत कार्य करने की कोशिश भी करता था। लड़की के परिजनों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन लड़का गांव के दबंग परिवार से था, तो लड़की गरीब दुकानदार की बेटी थी। आखिरकार लड़की ने खुदखुशी कर ली। लड़की ने नोट में उस लड़के का नाम तो नहीं लिखा हैं पर बस अपने जीवन की अंतिम यात्रा में अंतिम शब्द यही लिखा हैं कि दिल्ली के लड़के उसे जीने नहीं देंगे, इसलिए वह खुदकुशी कर रही है। I LOVE YOU मम्मी ..पप्पा मैंने कुछ गलत नहीं किया हैं ,ये थे उस लड़की के अंतिम शब्द और बेहद दिल को झकझोर देने वाली दास्ताँ …
हालांकि अलीपुर थाना पुलिस ने सुसाइड नोट को लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पूरे मामले की जांच कर रही है। बहराल इस घटना ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं , ऐसा पहली बार नहीं हुआ हैं ..कई ऐसे सवाल हैं जो की अभी तक अनसुलझे पड़े हैं ..सवाल यह हैं कि
आखिरकार लड़कियों को क्यों इतनी छेड़खानी की नजर से देखा जाता है जिससे वे खुदकुशी तक करने पर मजबूर हो जाती हैं?
आज भी आजादी के बाद क्यों लड़कियों को सहना पड़ता हैं कभी बहार मनचलो लड़को से , कभी स्कूल में टीचर्स से और तो और अपने परिजनों से भी कई बार अपने आप को बचाना पड़ता हैं क्यों ?हालांकि अलीपुर थाना पुलिस ने सुसाइड नोट को लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पूरे मामले की जांच कर रही है। बहराल इस घटना ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं , ऐसा पहली बार नहीं हुआ हैं ..कई ऐसे सवाल हैं जो की अभी तक अनसुलझे पड़े हैं ..सवाल यह हैं कि
आखिरकार लड़कियों को क्यों इतनी छेड़खानी की नजर से देखा जाता है जिससे वे खुदकुशी तक करने पर मजबूर हो जाती हैं?
आज भी आजादी के बाद क्यों लड़कियों को सहना पड़ता हैं कभी बहार मनचलो लड़को से , कभी स्कूल में टीचर्स से और तो और अपने परिजनों से भी कई बार अपने आप को बचाना पड़ता हैं क्यों ?
खेर.. मेरा यही संदेश हैं उन तमाम लड़कियों के लिए चाहें जो भी हो जाये हमे हर हाल में वीसम परिस्थितियों का सामना करना चाहिए ..खुद कि जिंदगी ख़त्म कर लेना एक मात्र उपाय नहीं हैं, क्योंकि आप कि जिंदगी के बाद किसी दूसरी लड़की का नंबर आ जायेगा ..इसे बेहतर खुद लड़ के हम औरों कि जिंदगी बचाने का भी प्रयास तो कर ही सकत