सिक्का बंद होने की अफवाह से दुकानदार और ग्राहक लेने से कर रहे है मना
नोएडा। दस रुपये के सिक्के को लेकर नोएडा के बाजार में असमंजस का महौल बना हुआ है। अफवाह फैली है कि भारतीय रिर्जव बैंक (आरबीआई) की ओर दस रुपये का सिक्का बंद कर दिया गया है। इसको लेकर ग्राहक से लेकर दुकानदार तक दस रुपये का सिक्का लेने से कतरा रहे है। इस समस्या से परेशान व्यापारियों ने बैंक अधिकारियों से संपर्क साधा है। इस मामले पर वास्तविक जानकारी हासिल कर रहे है। बैंक अधिकारियों की ओर से उन्हें बताया जा रहा है कि किसी भी प्रकार से दस रुपए का सिक्का बाजार में बंद नहीं किया गया है। यदि किसी के पास सिक्का है तो वह बैंक में आसानी से जमा हो रहा है। बैंक से आरबीआई के निर्देशानुसार मांग पर ग्राहकों को दस का सिक्का भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
व्यापारियों का कहना है कि बाजार में कुछ शरारती लोगों की ओर से दस का सिक्का लेने से मना किया जा रहा है। इससे बाजार में लगातार तनाव फैल रहा है। कोई भी ग्राहक दुकानदार से दस रुपये का सिक्का लेने को तैयार नहीं है। इससे व्यापारी के पास भारी संख्या में दस रुपए का सिक्का जमा हो गया है। यह समस्या लगातार बाजार में विकराल रुप लेती जा रही है। बाजार में कुछ व्यापारियों की ओर से अब इस समस्या से निपटने के लिए खुद भी रुपए का सिक्का लेने से मना करना शुरू कर दिया है, इससे यह समस्या और भी गंभीर हो चली है।
सेक्टर-44 स्थित पीएनबी के शाखा प्रबंधक डॉ. नीरज शर्मा का कहना है कि बैंक में बहुत लोग दस रुपये के सिक्के की जानकारी करने आ रहे है। उन्हें यह बताया जा रहा है कि आरबीआई ने सिक्का बंद नहीं किया है। लोगों को बैंक की ओर से जागरूक भी किया जा रहा है। बताया जा रहा है जब सरकार किसी कैरेंसी को बंद करेंगी तो उसका विज्ञापन जारी होगा। एक समय सीमा भी निर्धारित होगी।
वहीं ममूरा के व्यापारी मनोज भाटी ने बताया कि बाजार में लगातार दस रुपये के सिक्के को लेकर दुकानदार और ग्राहक के बीच विवाद बढ़ रहा है। प्रशासन को इस मामले पर हस्तक्षेप करना चाहिए। बैंक में जानकारी करने पर सिक्का बंद नहीं है, लेकिन सिक्के का आदान प्रदान बाजार में बंद हो रहा है। भंगेल के संदीप चौहान ने बताया कि दस रुपये का सिक्का बाजार में बहुत अधिक पड़ा हुआ है, लेकिन ग्राहक लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में दुकानदार परेशान है कि दस रुपये का सिक्का जब ग्राहक ले नहीं रहा है तो वह इसका करे क्या। जिलाधिकारी को जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।