5/10/2016/नोएडा। राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय अर्थ व्यवस्था की उथल-पुथल देखते हुए यह अंदेशा लगाया जा रहा था कि इस बार आरबीआई अपने ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं करेगा। सबकी अपेक्षाओं को खारिज करते हुए अपने पहले ही मोनेटरी रिव्यु में आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने एक अहम कदम उठाते हुए ब्याज दरों में कटौती करते हुए रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट से कम कर दिया है। इसके मुताबिक अब नया रेपो रेट 6.50 से 6.25 प्रतिशत हो गया है। बाकि दरें जैसे रिवर्स रेपो दर 5.75 प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात (कैश रेसर्व रेश्यो) 4 प्रतिशत और संविधिका तरलता अनुपात (स्टेटूटरी लिक्विडिटी रेश्यो) 21.5 प्रतिशत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। त्योहारों में रियल एस्टेट सेक्टर बाकी दिनों से जादा सक्रीय नज़र आता है। ऐसे में इन ब्याज दरों की कटौती से बिक्री में और भी तेज़ी की उम्मीदें बढ़ गई है |
क्रेडाई-एनसीआर के अध्यक्ष मनोज गौर बताते है कि त्योहार के इस महीने में रेपो रेट में कटौती होना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक तोहफ़े के सामान है। इस समय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए लोगों की भावानाएं सकारात्मक हो रही है। साथ ही निवेश की सम्भावनाएं भी बढ़ी हुई हैं। आरबीआई के इस कदम के बाद बैंको से ब्याज दर कम करने की उम्मीद है, जिससे लोगो की इएमआई से जुडी समस्याएं कम होंगी। रियल एस्टेट सेक्टर उर्जित पटेल के इस पहले पौलिसी रिव्यु का सहर्ष स्वागत करता है। क्रेडाई के वाईस प्रेसिडेंट और आरजी ग्रुप के एमडी राजेश गोयल का कहना है कि पिछले कुछ महीनों के हालात को देखते हुए देश के अचल संपत्ति क्षेत्र को रेपो दरों में कटौती की ज़रूरत थी। त्योहारों के समय यह कदम और भी मायने रखता है। यह कदम बैंकों के लिए भी ऋण दरों में कटौती के दरवाज़े खोल देगा और इसका फायदा लोगों को होगा।
राइज ग्रुप के सीएमडी वैभव जैन ने बताया कि आरबीआई देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए काफी सक्रीय रही है। उन्होंने पिछले कुछ महीनों से बैंकों को दरों में कटौती करने के लिए कहा है जिससे की ग्राहकों को ईएमआई कम होने से लाभ हो। रेपो दरों में कटोती की ज़रूरत थी क्योंकि साल के सबसे बड़े त्योहारों का समय चल रहा है। लोग अब बैंकों से ऋण दरों में कटौती की उम्मीद लगा रहे हैं ताकि संपत्ति खरीद में उनको अच्छा लाभ मिल सके।महागुन ग्रुप के डायरेक्टर धीरज जैन का कहना है कि आरबीआई के इस कदम का सीधा प्रभाव प्रॉपर्टी की मांग पर पड़ेगा। यह बैंको के लिए अपना ब्याज दर कम करने का बिलकुल अनुकुल समय है। त्योहारों के इस महीने में खरीद-बिक्री में तेज़ी साफ़ देखने को मिलता है।
क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के प्रेसिडेंट और गुलशन होम्ज़ के डायरेक्टर दीपक कपूर ने बताया कि आरबीआई की समीक्षा नीति में दरों में कटौती से काफी उमीदें हैं। यह लोगों की खरीद क्षमता को बढ़ा देगा और लोग कम खर्चे में बेहतर खरीद कर पाएंगे। इएमआई कम हो जाने के कारण ग्राहक बड़ी या महंगी इकाई खरीद सकेगा। अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल का कहना है कि इस रेट कट से भारतीय रियल एस्टेट में उछाल के अवसर साफ़ देखने को मिलेंगे। इस साल बाज़ार के लिए जीएसटी लागू होना और एफ़डीआई की सीमाओं में कमी अपने आप में सकारात्मक पहलू हैं | इन सबके साथ रेपो रेट का कट होना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए खुशी की बात है।
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