13/10/2016/नोएडा। डेंगू और चिकनगुनिया जैसे वायरल बुखार के बाद रोगियों में जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द की समस्या बताने वाले रोगियों की संख्या बढ़ रही है। वर्ल्ड अर्थराइटिस डे के मौके पर फोर्टिस हाॅस्पिटल ने इन परिणामों की वजह और प्रभाव के बारे में बताया। इस पहल का नेतृत्व फोर्टिस हाॅस्पिटल नोएडा के एडिशनल डायरेक्टर ने किया, जिससे इन दर्द और समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ी।
फोर्टिस हाॅस्पिटल के एडिशनल डायरेक्टर डाॅ. अतुल मिश्रा ने बताया कि चिकनगुनिया में रोगियों को जोड़ों का दर्द होता है और गंभीर होने पर इससे आर्थराइटिस भी हो सकता है। अगर इस दर्द को अनदेखा किया जाए तो यह कई महीनों तक रह सकता है और बेहद मुश्किल हो सकता है। पोशक आहार का सेवन करने के साथ ही अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना भी बहुत ज़रूरी है और यह बीमारी से लड़ने में मदद करता है। विटामिन डी, ब-12 और ई जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी वाले लोग अक्सर मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की शिकायत उन लोगों के मुकाबले अधिक करते हैं जिनके शरीर में ये माइक्रोन्यूट्रिएंट पर्याप्त मात्रा में होते हैं। हालांकि गंभीर आर्थराइटिस के मामले चिकनगुनिया में ज़्यादा आम होते हैं और यह देखा गया है कि काफी संख्या में डेंगू रोगियों को भी जोड़ों वं हड्डियों में दर्द होता है।
फोर्टिस हाॅस्पिटल के ज़ोनल डायरेक्टर गगन सहगल ने कहा कि डेंगू गर्म तापमान में पाए जाने वाले मच्छरों के ज़रिए फैलता है और इसे ’ब्रेकबोन फीवर’ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसबुखार में हड्डियों में काफी दर्द होता है और यह किसी के छूने से नहीं फैलता है। अक्सर ऐसा होता है कि लोगों को डेंगू होने प रइसका पता भी नहीं चलता है।कई मामलों में तो इससे डेंगू हैमोरेजिक बुखार भी हो जाता है, जो बेहद गंभीर बीमारी है और इससे आंतरिक ब्लीडिंग होती है, जिससे रोगी को सदमा लग जाता है और उसकी मौत भी हो सकती है। आमतौर पर इसका इलाज पैरासिटामोल और कुछ सामान्य व्यायाम से हो जाता है। लेकिन गौर करने लायक बात है कि जोड़ों का दर्द उन रोगियों में अधिक गंभीर होता है, जिनमें विटामिन की कमी होती है।