6//02/2018/न्यूज़ एजेंसी /लखनऊ: नोएडा में एक जिम ट्रेनर जीतेंद्र यादव के कथित फर्जी मुठभेड़ के मामले में यूपी पुलिस के विरोधाभासी बयान सामने आए हैं. शनिवार को नोएडा में एक पुलिसकर्मी ने जीतेंद्र को गोली मारी थी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. इस मामले में जीतेंद्र के परिवार का आरोप है कि यह मामला जाति से संबंधित है और पुरस्कार पाने के लिए यह एनकाउंटर किया गया. हालांकि पुलिस ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है.
यूपी पुलिस की रविवार को इस मामले में दो अलग-अलग विरोधाभासी कहानियां सामने आई. डीजीपी हेडक्वॉटर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, जिम ट्रेनर और अन्य लोग आरोपी सब इंस्पेक्टर के साथ खाना खा रहे थे. इस दौरान आरोपी पुलिसकर्मी और जीतेंद्र यादव के बीच किसी बात को लेकर बहस शुरू हो गई. इसके बाद सब इंस्पेक्टर ने जिम ट्रेनर को गोली मार दी.
वहीं इस मामले में नोएडा के पुलिस चीफ का बयान बिल्कुल अलग है. नोएडा के एसएसपी लव कुमार ने कहा कि कुछ लड़के पब्लिक प्लेस में खड़े होकर शराब पी रहे थे और कार में ऊंची आवाज में म्यूजिक सुन रहे थे. इस दौरान सब इंस्पेक्टर वहां पहुंचे और उन्होंने शराब के नशे में धुत व्यक्ति को कार में बैठने को कहा. इस दौरान उनकी पिस्तौल से गोली चली और जीतेंद्र यादव को लगी.
वहीं इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर इस मामले में ख़ुद दखल देने को कहा है. साथ ही छह हफ़्ते में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.