29/03/18/इस्लामाबाद: मलाला यूसुफजई एक नाम नहीं हैं बल्कि वीरता का प्रमाण्ड़ देती हुई साक्षात् एक बहादुर लड़की हैं ..ऐसे नाम और उसकी गाथा को सुनते हुए हर किसी को गर्व होता है .. क्योंकि सबसे कम उम्र में शांति का नोबेल पुरस्कार पाने वाली ल़डकी हैं मलाला ..आपको बता दें की 20 साल की मलाला को 2012 में तालिबान ने लड़कियों के शिक्षा के अधिकार की पैरवी और उनके लिए आवाज़ उठाने करने के विरोध में सिर में गोली मार दी थी, इसके बाद उन्हें इलाज के लिए लंदन ले जाया गया। और उसके बाद से मलाला वहीं रह रही हैं। करीब छह साल बाद गुरुवार अपने वतन पाकिस्तान लौटीं।
पाकिस्तानी मीडिया की माने तो , मलाला को देर रात 1:41 बजे इस्लामाबाद के बेनजीर भुट्टो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पर देखा गया। मलाला अमीरात EK-614 की फ्लाइट से दुबई होते हुए यहां पहुंचीं। सुरक्षा के लिहाज से उनका यह दौरा बेहद गोपनीय रखा गया।
कौन है मलाला कब की तालिबान के खिलाफ अभियान शुरू
– मलाला पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में स्थित मिंगोरा की रहने वाली हैं।
– उन्होंने 11 साल उम्र से ही गुल मकई नाम की अपनी डायरी के जरिए तालिबान के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया था।
– मलाला ने तालिबान के स्कूल न जाने फरमान के बावजूद लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने का अभियान जारी रखा।
– अक्टूबर 2012 में स्कूल से लौटते वक्त मलाला पर आतंकियों ने हमला किया। उन्हें सिर में गोली मारी गई।
-्अब वो बिल्कुल ठीक हैं. और अपने वतन लौट चुकी है .