18/3/2019/ गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर परिकर लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। पैनक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित परिकर को 31 जनवरी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। हाल ही में बीमार परिकर ने तीन मार्च को गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में जांच कराई थी। फरवरी में परिकर का जीएमसीएच में एक ऑपरेशन भी हुआ था। देश के पहले आईआईटियन मुख्यमंत्री मनोहर परिकर का रविवार को निधन हो गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी पूरे देश को दी। पैन्क्रियाज कैंसर से जूझ रहे 63 वर्षीय परिकर की हालत पिछले दो दिन से बेहद खराब थी। रविवार को उनकी स्थिति और ज्यादा नाजुक हो गई थी, जिसके बाद दोना पाउला स्थित उनके निजी आवास पर डॉक्टरों की टीम ने स्वास्थ्य को संभालने का प्रयास किया। लेकिन रात 8 बजे के करीब उनका निधन हो गया गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताने के लिए सोमवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पर्रिकर की याद में दो मिनट का मौन रखा जाएगा और जन प्रतिनिधि के रूप में उनके योगदान की प्रशंसा में एक प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिकर के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह अद्वितीय नेता, सच्चे देशभक्त और असाधारण प्रशासक थे। मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई बड़ी हस्तियों ने ट्वीट के जरिए परिकर के निधन पर दुख जताया है। पिछले एक साल से बीमार परिकर पिछले साल इलाज के लिए अमेरिका भी गए थे। लेकिन वहां से वापस लौटने पर भी स्थिति नहीं सुधरने के बाद उन्हें लंबे समय के लिए एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था। बाद में वह एम्स से गोवा लौटकर अपने निजी आवास पर शिफ्ट हो गए थे उन्होंने राज्य का बजट भी नाक में नली लगाकर पेश किया था। गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर परिकर भारत के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। परिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा में हुआ था। वह भारत के किसी भी राज्य के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जो आईआईटी से स्नातक थे। साल 2001 में आईआईटी मुंबई ने उन्हें विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी दी थी। 13 मार्च 2017 को परिकर ने चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। परिकर के निधन पर केंद्र सरकार ने 18 मार्च को राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इस दौरान देश की राजधानी के साथ राज्यों और केंद्रशासित राज्यों की राजधानियों नें राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
