गाज़ियाबाद / जिले में शादियों के फर्जी रजिस्ट्रेशन कराए जाने को लेकर बड़ा खेल उजागर होता नजर आ रहा है। सोमवार को जिलाधिकारी ने खुद एक मामला पकड़ा है। इस पर जिलाधिकारी ने पिछले एक साल रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर्ड की गई शादियों का आंकड़ा माँगा है। इस आंकड़ों के अवलोकन के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि जिले में कोई ऐसा रैकेट काम कर रहा है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
प्रशासन के पास पिछले कुछ समय से शिकायतें पहुंच रही थी कि गाज़ियाबाद में शादियों के फर्जी रजिस्ट्रेशन कराए जा रहे हैं। दूसरे राज्यों के लोग शादी के झूठे प्रमाण पत्र लेकर रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। कार्यालयों में जोड़े के दस्तावेज की जांच के बगैर ही शादी का प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। करीब एक माह पहले एक मामला जिलाधिकारी तक पहुंचा। पाकिस्तान की युवती ने मुंबई निवासी युवक से शादी तो की, लेकिन युवती ने अपने आवेदन पत्र में सही जानकारी नहीं दी। इसके बावजूद भी उनके शादी का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इन शिकायतों के मद्देनजर जिलाधिकारी ने खुद सदर तहसील स्थित उप निबंधक कार्यालयों का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान विवाह पंजीकरण के लिए कार्यालय में उपस्थित विनोद एवं प्रियंका नामक युवती से पूछताछ की। दोनों ने बताया कि वह राजस्थान के निवासी है। गाज़ियाबाद में विवाह पंजीकरण कराए जाने के संबंध में पूछने पर वह सही जबाव नहीं दे सके। डीएम को युवक और युवती ने बताया कि वह एक वकील से मिले थे जिसने विवाह पंजीकरण कराने का भरोसा दिलाया था। वहीं, निरीक्षण के दौरान कुछ खामियां मिलीं है। इससे यह सामने आ रहा है कि विवाह पंजीकरण कराने के लिए बड़ा रैकेट कार्य कर रहा है।
जिलाधिकारी ने उपस्थित सभी उप निबंधकों को निर्देश दिया है कि उत्तर प्रदेश से बाहर के लोगों द्वारा विवाह पंजीकरण के लिए यदि किसी धार्मिक संस्था का विवाह प्रमाण पत्र देकर आवेदन किया जाता है तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जाए। ऐसा नहीं होने पर उप निबंधकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने पिछले एक वर्ष का आकड़ा मांगा है