15/5/019/ धीरेन्द्र अवाना
नोएडा।उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर गरीबों का राशन पर कालाबाजारी का मामला कुछ समय पहले उजागर हो चुका है।जिसमें कई राशन डीलर के खिलाफ कारवाई भी हो चुकी है।एक तरह राष्ट्रीय खाघ सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकार यह सुनिशिचत करती है कि सभी गरीबो को खाघ सामग्री मिले लेकिन देखा जाए तो उसका प्रयास विफल होता नजर आ रहा है।अगर बात करे गौतमबुद्ध नगर की तो यहा करीब 31 राशन डीलरों के खिलाफ एफआईआर हो गयी थी।उससे भी सीख
न लेते हुये राशन डीलर बेखौफ होकर गरीबों के राशन को ड़कार रहे है और तो और गरीबों के लिए आने वाले मिट्टी के तेल को कार्ड धारक को न देकर उसकी कालाबाजरी करके मोटा मुनाफा कमा रहे है।नाम न छापने की शर्त पर एक डीलर ने बताया कि तेल की कालाबाजरी का एक हिस्सा विभाग को भी जाता है।येही वजह है कि लोगों के शिकायत करने पर भी कोइ कारवाई नही होती।आपको बता दे कि नोएडा में करीब 83 राशन डीलर है।अब हम आपको आकंडो के जरिये बताते है कि तेल से कितनी कमायी राशन डीलर करते है।मान लेते है कि एक डीलर के पास 200 कार्ड धारी होते है।तेल एक कार्ड धारक पर 2 लीटर मिलता है।अगर सीधा सीधा हिसाब बनता है कि एक डीलर के पास 400 लीटर तेल आता है जोकि कार्ड धारकों को मिलना चाहिए जोकि उसे नही मिलता।अगर तेल के सरकारी रेट है कि बात करे तो 30 रुपये किलों है।बाहर दुकान से खरीदते तो येही तेल 60 रुपये से कम तो मिलेगा नही।इस हिसाब से एक डीलर 24,000 रूपये सीधे तेल से कमाता है।अब अगर नोएडा में स्थित सभी राशन डीलरों की कमाई की बात करे तो ये आंकडा करोडों में पहुचता है।सूत्रों की माने तो इसका कुछ हिस्सा विभाग को भी जाता है।ये हिसाब तो सिर्फ तेल का ही है अगर इसमें अनाज भी जोड़ दिया तो आप समझ सकते है ये आंकडा कहा तक पहुचेगा।अब बात करे राशन की तो उसमें कालाबाजरी अपनी चरम सीमा पर है।कार्ड धारकों को राशन मिलने से पहले ही राशन खत्म हो जाता है इसलिए राशन डीलर दुकान को बंद कर देते है।ऐसा करके राशन डीलर डीएम के आदेशों अवहेलना कर रहे है।डीएम के आदेश है जिले के हर राशन डीलर 5 से 20 तारीख तक अपनी दुकान खुली रखनी है।ऐसा प्रतीत होता है कि राशन डीलर अपने आप को डीएम से भी ऊपर मानते है।सौने पर सौहागा ये कि विभाग इसको देखकर भी मौन बैठा हुआ है।इस संम्बध में आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि ऐसी दुकानों को चिन्हित करके कारवाई की जायेगी।अगर किसी दुकान पर बोर्ड नही लगा है तो उसके ऊपर 5 हजार रूपये का जुर्माना लगेगा।
