(1)ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौकरी,मैंने अकसर लोगों को यह कहते हुए सुना है कि जॉब करने से अधिक मुश्किल है बिजनेस करना, इसलिए व्यक्ति को जॉब ही कर लेना चाहिए ताकि हर महीने बंधी हुई सैलरी बैंक अकाउंट में आती तो रहेगी। लेकिन भारत में जिस तरह से मार्केट की हालत चल रही उस हिसाब से तो नौकरी करना भी मुश्किल हो गया है।(
2)जॉब या बिज़नेस?
केवल भारत ही क्यों अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, लंदन जैसे बड़े-बड़े देश भी कॉस्ट कटिंग के नाम पर धड़ल्ले से अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे हैं। खैर मार्केट की हालत तो देश की अर्थव्यवस्था पर ही टिकी हुई है, जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा, वैसे-वैसे ही नौकरियां बचने की संभावना भी बढ़ेगी।
(3) जॉब बचने के उपाय,
किंतु परेशानी वाले हालात में भी कैसे जॉब को बचाया जाए और कैसे उस कारण को खोजा जाए जिसकी वजह से बार-बार जॉब चली जाती है, इसका जवाब ज्योतिष शास्त्र के पास है।
(4) किस कारण से जाती है जॉब?
हिन्दू शास्त्रों की महानतम खोज, जिसे वैज्ञानिक होने का दर्जा भी प्राप्त है, उसे अनुसार जातक की कुंडली और चल रही ग्रहीय दशाओं के अनुसार यह पता लगाया जा सकता है कि बार-बार जॉब क्यूं चली जाती है। और फिर कारण जानने के बाद संबंधित उपायों से परिस्थिति में सुधार भी लाया जा सकता है। चलिए जानते हैं कुछ कारण….
(5) जॉब में सफलता,
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली का ‘दसवां भाव’ उसके कॅरियर का नेतृत्व करता है। वह कैसा कॅरियर चुनेगा, सफलता मिलेगी या नहीं, यह इसी भाव पर निर्भर करता है। किंतु कॅरियर के क्षेत्र में विशेषत: नौकरी के लिए कुंडली का छ्ठा भाव देखा जाता है। यहां से जॉब में चल रही हर हलचल का पता लगाया जाता है।
(6) कॅरियर या जॉब से जुड़ा उपाय,
लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात है कॅरियर या जॉब से जुड़ा ग्रह… ज्योतिष परिणामों के अनुसार किसी भी व्यक्ति के कॅरियर में मिल रही सफलता या असफलता के लिए शनि देव का हाथ होता है। यदि उनकी कृपा होगी तो जॉब अच्छी चलेगी अन्यथा परेशानियां आती रहेंगी।
(7) ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली,
वे जातक जिनकी कुंडली में शनि देव अशुभ स्थान पर विराजमान होते हैं, पीड़ित हों या फिर कमजोर स्थिति में हो तो जॉब में दिक्कत आती है। इसके अलावा अगर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, दशा या अंतर्दशा चल रही हो ऐसे लोगों को हमेशा ही कॅरियर संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
(8) कुंडली का दशम भाव,
चलिए आपको विस्तार से समझाते हैं कि किन कारणों से व्यक्ति की जॉब बार-बार चली जाती है… ज्योतिष शास्त्र की मानें तो अगर किसी जातक की कुंडली के दशम भाव में कोई पाप योग बन रहा हो (जैसे कि ग्रहण योग, गुरु-चाण्डाल योग आदि) तो ऐसे में व्यक्ति अपनी जॉब को लेकर हमेशा परेशान रहता है।
(9) कुंडली में पापी ग्रह,
ऐसे व्यक्ति को पापी ग्रह के कुछ समय के लिए शांत होने पर जॉब मिल तो जाती है लेकिन दशा के एक्टिव होते ही उसे अचानक जॉब से हाथ धोना पड़ जाता है। इसके अलावा अगर दशमेश अपने भाव में नीच का होकर बैठ जाए तब भी जॉब में परेशानियां आती हैं।
(10) दशम भाव,
दशम भाव के अलावा अगर कुंडली के छटे भाव में कोई पाप योग बन रहा हो, कोई ग्रह नीच राशि में हो तो ऐसे में व्यक्ति को बार बार जॉब छूटने की समस्या होती है।
(11) कुंडली में करियर का ग्रह,
अब कॅरियर का स्वामी ग्रह अगर अपने से नीच राशि में हो या उसकी युति मंगल, केतु या सूर्य के साथ हो तो ऐसे में भी व्यक्ति अपनी जॉब को लेकर संतुष्ट नहीं रह पाता।
(12) शनि ग्रह का प्रभाव,
इसके अलावा अगर शनि अपने भाव में ना होकर छटे, आठवें या बारहवें भाव में विराजमान हो तब भी जॉब में अड़चनें आती हैं। अगर उपरोक्त बताया गया कोई भी कारण आपको अपनी कुंडली में दिखाई दे तो आगे बताए जा रहे उपाय जरूर करें…
या किसी अच्छे ज्योतिषीय से सलाह अवश्य ले,
(13) करियर सही करने के ज्योतिष उपाय,
यह सत्य है कि ज्योतिष शास्त्र किसी को भी एक समान उपाय प्रदान नहीं करता है। हर व्यक्ति की कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही उपाय करवाए जाते हैं लेकिन कुछ मूल शास्त्रीय उपाय कोई भी कर सकता है, क्योंकि यह उपाय ईश्वर आराधना से जुड़े हैं।
(14) मंत्र साधना,
अगर जॉब में कोई परेशानी आ रही हो तो व्यक्ति को शनि के मंत्र “ॐ शम शनैश्चराय नमः” का नियमित जाप करना चाहिए। इसके अलावा एक बार किसी ज्योतिषी की सलाह से यह पता करा लें कि कुंडली में शनि की कैसी स्थिति है, यदि साढ़ेसाती, ढैय्या या दशा चल रहे है तो उपाय करने में देरी ना करें।
(15) कुंडली दुसह दूर करने का उपाय,
संभव हो तो यह भी पता कर लेंउ कि कुंडली का दशम एवं छठा भाव सही है या नहीं। यदि यहां को परेशानी दिखे तो उसका उपाय खोजकर अमल करने की कोशिश करें।