11/09/2016/चिकनगुनिया और डेंगू में होम्योपैथिक पद्धती के इलाज को ज्यादा कारगर मान रहे है लोग
नोएडा। शहर में मौसमी बीमारियों का प्रकोप चरम पर है। शहर की करीब एक चौथाई आबादी बुखार, डेंगू व चिकनगुनिया और इससे संबंधित रोग की चपेट में आ गई है। ऐसे में मरीजों ने एलोपैथिक दवाईयों का उपयोग बंद कर होम्योपैथिक दवाईयों की ओर रुख कर लिया है। लोग इस पद्धती के इलाज को ज्यादा कारगर मान रहे है। आलम यह है कि शहर के सेक्टर-24 स्थित केंद्रीय हम्योपैथिक संस्थान में प्रतिदिन करीब 700 से ज्यादा मरीज ओपीडी में पहुंच रहे है। इनमें बुखार व वायरल से जुड़े मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। विशेषज्ञों के मुताबिक होम्योपैथी के जरिए भी बिना किसी साइड इफेक्ट के इलाज होता है।
-डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट
डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में हर साल 50 मिलियन लोग डेंगू के शिकार हो रहे हैं। आज 100 से भी ज्यादा देश इस बीमारी की गिरफ्त में आ चुके हैं। खास बात यह है कि मलेरिया के उलट, इसके मरीज ग्रामीण इलाकों से ज्यादा शहरों और कस्बों में नजर आते रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो डेंगू के मच्छरों में बढ़ोतरी बारिश या उसके जैसे मौसम में सबसे ज्यादा देखी जाती है। यह मच्छर ज्यादातर सुबह-सुबह या शाम को काटते हैं। ये ज्यादातर घर के अंदर या बाहर बिना धूप वाली जगह पर पनपते हैं। इनका इंक्यूबेशन पीरियड यानी अंडों के पूरी तरह डेवलप होने का समय 3-15 दिन है, लेकिन ज्यादातर मामलों में ये 5-6 दिन में ही शिकार के लिए तैयार हो जाते हैं।
-होम्योपैथिक डॉक्टर की राय
सेक्टर-24 स्थित केन्द्रीय होम्योपैथिक संस्थान के डॉ एम.डी आर्या ने बताया कि इस बीमारी में तेज बुखार के साथ शरीर में भयंकर दर्द, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द होता है। जोड़ों में अत्यधिक दर्द के कारण रोगी चल-फिर नहीं सकता। इसी कारण इसे ‘हड्डी तोड़ बुखार’ भी कहते हैं। इसके साथ सिरदर्द, आंखों के आसपास दर्द तथा आंखों को घुमाने में दर्द होता है। आंखें लाल हो जाती हैं और पानी बहता है। तेज प्रकाश को देखने में डर लगता है। उल्टी, जी घबराना, भूख नहीं लगना तथा नींद नहीं आना भी होता है।
होम्योपैथिक इलाज
होम्योपैथी में इसके लिए यूपेटोरियम-परफोलियेटम 30 की मात्रा में 3 गोली (छोटी साबूदाना जैसी) दिन में 3-4 बार देना चाहिए। उपरोक्त लक्षणों के साथ मरीज यदि सुस्त हो और अधिक प्यास लगती हो तो ब्रायोनिया-30 की मात्रा में 3 गोली 3-4 बार देना चाहिए। यदि रोगी बेचैन हो और मांसपेशियों में अत्यधिक दर्द हो तो रस टाक्स 30 की मात्रा में 3 गोली 3-4 बार देना चाहिए।