30/11/2016 / नोएडा। एनजीटी की फटकार का असर पर अब दिखाई देने लगा है। वायु प्रदूषण रोकने को लेकर नोएडा प्राधिकरण की कार्रवाई मंगलवार को भी जारी रही। मंलवार को दो निर्माणाधीन स्कूल के साथ एक सोसाइटी व तीन बिल्डर और एक क्रेशर पर जुर्माना लगाया गया है। वहीं साइट पर फैली अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के साथ धूल उडऩे से रोकने के सभी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए।
उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी सौम्य श्रीवास्तव के निर्देशन में मंगलवार को की गई जांच में तीन बिल्डर साइटों पर एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन पाया गया। तीनों बिल्डरों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा सेक्टर-70 स्थित दो स्कूलों के निर्माण में एनजीटी के नियमों का उल्लघंन होता देखा गया। दोनों ही स्कूल पर भी 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। वहीं प्राधिकरण के परियोजना अभियंता वर्क सर्किल-9 की ओर से यमुना के डूब क्षेत्र में एजी स्टोन क्रेशर पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है। वहीं सेक्टर-58 पुलिस स्टेशन में बन रहे क्वाटरों में नियमों का अनदेखी करती पाई गई। ऐसे में ठेकेदार के खिलाफ 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। सभी स्थानों पर निर्माण सामग्री खुले में बिना ढंके पड़ी पाई गई। वाहनों के आवागमन के कारण भारी मात्रा में धूल उड़ती पाई गई। जिन पर जुमार्ना लगा है, उन्हें एक सप्ताह में निर्धारित पेनाल्टी प्राधिकरण के खाते में जमा करनी होगी। साथ ही धूल उडऩे की स्थिति को तत्काल रोकने की कार्रवाई करनी होगी। बताते चलें कि तीन दिन में नोएडा प्राधिकरण ने 42 बिल्डर साइटों पर वायु प्रदूषण को रोकने के इंतजाम न होने के कारण जुमार्ना लगाया है। इसमें से अधिकाश शहर के नामी गिरामी बिल्डर हैं। यदि बार बार नियमों की अनदेखी की गईए तो प्रोजेक्ट साइटों को सीज ाी किया जा सकता है। प्राधिकरण के निर्देश के अनुसार, जहां भी निर्माण सामग्री पड़ी हुई है, उसे तिरपाल से ढंकना होगा। जहां वाहनों की आवाजाही के कारण धूल उड़ रही है, वहां पानी के छिड़काव की व्यवस्था करनी होगी। निर्माण कार्य वाली साइट पर हरे रंग के पर्दे की तरह शीट लगानी होगी। फिर से किए जाने वाले निरीक्षण में अगर ये सभी व्यवस्थाएं नहीं होती हैं, तो फिर से पेनाल्टी लगाने की कार्रवाई होगी।