8//12/2016 / नोएडा। शहर के एटीएम के साथ अब बैंकों में भी पैसा नहीं पहुंच रहा। गुरुवार को शहर की 60 प्रतिशत बैंक कैशलेस रही। बैंक की कतारों में सिर्फ जमा करने की वालें लोग ही दिखे। इनकी संख्या में तेजी से कमी आती दिख रही है। लेकिन कैश नहीं आने से मजदूर के अलावा आम लोग काफी परेशान है। शहर के जिन 40 प्रतिशत बैंकों में कैश आया उनमें दोपहर बाद तक कैश खत्म होने का नोटिस चस्पा कर दिया गया। कमोवेश एटीएम बूथों की भी यही स्थिति रही।
नोटबंदी की घोषणा हुए एक माह हो गए। दावा किया गया था कि आरबीआई पर्याप्त मात्रा में करेंसी छाप रही है। किसी भी बैंक में नए नोटों की कमी नहीं आएगी, लेकिन कैशलेस का असर गत दो सप्ताह से देखने को मिल रहा है। देश के 95 प्रतिशत एटीएम मशीनों को भी नए नोट के अनुसार बदल दिए गए, लेकिन शहर के एटीएम मशीनों में नए नोट डाले ही नहीं जा रहे। ऐसे में आम लोगों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही। तीन-चार दिन कतार में खड़े होने के बाद भी लोगों को बैरंग होकर लौटना पड़ रहा है। बैंक प्रबंधनों का कहना है कि जब बैंक में ही पैसा नहीं पहुंच रहा तो एटीएम मशीनों की भी कहा से जाए।
आरबीआई से शहर की मुख्य शाखाओं में पैसा भी जाता है। यही से क्षेत्रीय शाखाओं में पैसा भेजा जाता है। प्रतिदिन बैंक मैनेजर इस आस में मुख्य शाखाओं के चक्कर लगा रहे है कि वह अपने ग्राहकों को उनके खातों में जमा पैसा दे सके। लेकिन उन्हें हर दिन मायूसी ही हाथ लग रही है। बैंक प्रबंधनों यह तक कह दिया कि जब तक नए नोट नहीं आएंगे वह बैंक नहीं जाएंगे। लेकिन लचर प्रणाली के चलते उनके बैंक कैशलेस है। कुछ बैंकों में दो से पांच लाख रुपए पहुंच रहा है वहां दो से तीन घंटों में नकदी समाप्त हो रही है। मुख्य शाखाओं में 20 लाख रुपए रहते है। ऐसे में पैसा निकालने की होड़ में मुख्यशाखाओं में कतार लगने का सिलसिला घटने की बजाए बढ़ता जा रहा है। सेक्टर-6 में केनरा, यूनियन बैंक, विजिया, सेक्टर-62 स्थित एचडीएफसी, निठारी-मामूरा में जिला सहकारी बैंक के अलावा शहर का पॉश सेक्टर-18 स्थित कई बैंक कैशलेस रहें। महज 40 प्रतिशत बैंकों में पैसा पहुंचा, लेकिन दोपहर बाद समाप्त हो गए।