5/12/2016 / ग्रेटर नोएडा। एक्सप्रेसवे पर रविवार देर रात बगैर परमिट के चल रही यमुना सारथी बस से टकराकर कार सवार सिविल इंजीनियर की जिंदा जलकर मौत हो गई। एक्सप्रेसवे पर जीरो पॉइंट के निकट बस सवारी उतार रही थी। इसी दौरान पीछे से आ रही इंजीनियर की कार बस से टकराकर उसी में पीछे से फंस गई। बस की सीएनजी किट फटने से बस में आग लगी, जिसने कार को अपनी चपेट में ले लिया। बस के ड्राइवर समेत अन्य लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई, लेकिन कार सवार इंजीनियर को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। मृतक के भाई ने बस ड्राइवर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। सेक्टर डेल्टा-1 के एफ-404 निवासी दीपक उपाध्याय मूलरूप से अंबेडकर नगर जिले के सिद्धिपुर के रहने वाले थे। वह पिछले 7-8 सालों से ग्रेटर नोएडा में रह रहे थे। परिजनों ने बताया कि उन्होंने यहीं से सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स किया और नोएडा सेक्टर-150 स्थित एक कंपनी में जॉब कर रहे थे। उनकी 5 साल पहले शादी हुई थी और एक तीन साल का बेटा भी है। यहां वह पत्नी, बेटा और छोटे भाई पवन उपाध्याय के साथ रह रहे थे। नालेज पार्क थाना पुलिस ने बताया कि दीपक रविवार रात ड्यूटी खत्म करके सेंट्रो कार में सवार होकर अपने घर के लिए चले थे। रात करीब 9.30 नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के जीरो पाइंट पर पहुंचे। उनके आगे यमुना सारथी बस जा रही थी। आरोप है कि यह बस बगैर परमिट के ग्रेटर नोएडा से नोएडा के लिए चल रही है। पुलिस का कहना है कि बस चालक ने गलगोटिया कालेज के सामने किसी सवारी को उतारने के लिए अचानक ब्रेक लगा दिया। पीछे से तेज गति से आ रहे दीपक उपाध्याय कार पर कंट्रोल नहीं कर सके और बस से टक्कर हो गई। कार बस में फंस गई। पुलिस का कहना है कि हादसे के वक्त कार में ड्राइवर, कंडक्टर और 6-7 सवारियां थीं। आग लगने के बाद सभी बस से उतर कर भाग निकले और बस भी आग की चपेट में आने से पूरी तरह से जलकर राख हो गई। ड्राइवर समेत किसी अन्य ने दीपक को बचाने की कोशिश नहीं की। परिजनों का कहना है कि अगर बस में सवार लोग पत्थर मार कर कार का शीशा भी तोड़ देते तो शायद दीपक की जान बच जाती। किसी ने उन्हें बचाने का प्रयास नहीं किया। वह सब भाग गए। बस में सवार लोगों, ड्राइवर या किसी अन्य के बारे में अभी तक पुलिस को पता नहीं चल सका है।