23/09/2016नोएडा। जनपद में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए शहरवासियों को पहले चरण में 23 से 30 सितंबर तक आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। आपदा प्रबंधन सैल के विशेषज्ञ डॉ. कुमार राका का कहना है कि किसी भी आपदा के बाद कम्यूनिटी को सबसे अधिक नुकसान होता है और कम्यूनिटी ही फर्स्ट रिस्पांडर होती है। इसे देखते हुए आपदा सुरक्षा संबंधी जानकारी, आपदा पूर्व तैयारी और लोगों का प्रशिक्षण आपदा प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने बताया कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे समेत पूरा जनपद भूकंप के जोन-4 में आता है। इस लिहाज से गौतमबुद्ध नगर जनपद को भूकंप के प्रति संवेदनशील माना गया है।
उन्होंने बताया कि किसी भी आपदा के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और फायर ब्रिगेड को पहुंचने में थाेड़ा समय लग जाता है। यदि कम्यूनिटी के लोगों को प्रशिक्षण दिया जाए तो वे आपदा के बाद बचाव में सक्षम हो सकते है। कम्यूनिटी संबंधी इस प्रकार का प्रशिक्षण देश में पहली बार यहां होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागी का लिखित और प्रयोगात्मक परीक्षा लिया जाएगा। प्रशिक्षण से पहले प्रतिभागी को विभिन्न आपदा सुरक्षा से संबंधित पम्पलेट, नोटबुक आदि दिए जाएंगे। प्रशिक्षण में सफल प्रतिभागियों को आपदा प्रबंधन सैल अपने डेटाबेस में शामिल कर उनको मेडिकल किट, ड्रेस और सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान एनडीआरएफ द्वारा सुरक्षा उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी और राहत व बचाव का मॉक ड्रिल किया जाएगा।