गाजियाबद: एक अप्रैल से स्कूलों का नया सत्र शुरू होगा। बावजूद इसके शिक्षा विभाग ने कोई खास तैयारी नहीं की है। अभी तक न तो स्कूलों को सिलेबस बंटवाया, न ही किताबें दी है और न ही एडमिशन को लेकर कोई निर्देश दिए हैं। माध्यमिक स्कूलों क्लास छह से लेकर आठ तक की किताबें और क्लास एक से आठ तक की किताबें विभाग की तरफ से ही नि:शुल्क दी जाती है। लेकिन अभी तक विभाग के पास किताओं नहीं आई हैं। सबसे बड़ी समस्या यह है कि नए सत्र में बच्चे पढ़ाई कैसे करेंगे। गौरतलब है कि स्कूलों में एडमिशन के लिए विभागीय स्तर पर हमेशा निर्देश दिए जाते हैं। लेकिन इस बार विभाग ने कोई निर्देश नहीं दिए हैं और न ही स्कूलों की पूरी तैयारी है। हालांकि कुछ स्कूलों ने अपने लेवल से एडमिशन के लिए सर्कुलर दिए हैं, लेकिन सभी स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया शुरु नहीं हो पाई है। जिसके चलते सेशन लेट होने के चांस है। स्कूलों में नए सत्र से पहले विभाग की तरफ से सिलेबस भेजा जाता है। अभी तक विभाग ने ये सलेबस भी स्कूलों को नहीं बंटवाया है। सत्र लेट होगा तो बच्चों की पढ़ाई पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। कोर्स अधूरा होगा फिर शिक्षक बाद में कोर्स पूरा करने के चक्कर में ज्यादा सही से नहीं पढ़ा सकेंगे। बेसिक शिक्षा अधिकारी लालीजी यादव ने बताया कि किताबों के लिए शासन स्तर पर बात चल रही है। बाकी विभाग पूरी कोशिश कर रहा है कि सत्र व्यवस्थित रूप से शुरू हो सके।
