26/11/2016 / नोएडा। आगामी 27 नवंबर को राष्ट्रीय अंगदान दिवस मनाकर शहर के लोगों के बीच अंगदान के बारें में जागरूकता बढ़ाने की पहल की गई है। सेक्टर-62 स्थित फाेर्टिस अस्पताल के डॉक्टर अंगदान से लाभांवित लोगों को आगे लगाकर आम जनता को इसके प्रति जागरूक करने का फैसला किया है। फोर्टिस अस्पताल समाज में अंगदान के प्रति जागरूकता लाने के लिए 27 नवंबर से 3 दिसंबर विभिन्न जगहों पर कई गतिविधियों का आयोजन करने जा रहा है। फोर्टिस अस्पताल में शुक्रवार को अंगदान के नेक और मानवीय पहल के बारे में बताने के लिए चिकित्सकों की टीम ने हाल ही में सड़क दुर्घटना के बाद गंभीर अवस्था में लाए गए एक पूर्व सैन्यकर्मी का उदाहरण पेश किया। आवश्यक प्रोटोकाॅल के बाद फोर्टिस अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। डोनर के परिवार को अंगदान के बारे में बताया गया कि ऐसा कर वह प्रत्यारोपण का इंतज़ार कर रहे गंभीर मरीजों का जीवन बचा सकते हैं। परिवार के सदस्यों से इस बारे में सहमति ली गई। इसके बाद हार्वेस्टिंग टीम्स ने डोनर से अंगों को प्राप्त करने के लिए जरूरी प्रोटोकाॅल का पालन किया। नेशनल आॅर्गन एंड टिस्यू ट्रांसप्लांट आॅर्गेनाइजेशन (एनओटीटीओ) के द्वारा किए गए आवंटन के मुताबिक, दो किडनी, लिवर और हार्ट को विभिन्न अस्पतालों में मरीजों के लिए भेज दिया गया।
इस अंगदान के बाद पिछले दो सालों से डायलेसिस पर रहने वाले हापुड़ के 30 वर्षीय राहुल को किडनी प्राप्त हुआ। वहीं दिल्ली के 67 वर्षीय हरमिंदर सिंह अरोड़ा को करीब एक माह से भी ज्यादा इंतज़ार के बाद लिवर मिल सका। फोर्टिस अस्पताल नोएडा में नेफ्रोलाॅजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट के निदेशक डाॅ. मनोज के सिंघल और यूरोलाॅजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट के अतिरिक्त निदेशक डाॅ. दुष्यंत नाडर ने किडनी प्रत्यारोपण किया और लिवर ट्रांसप्लांट विभाग के निदेशक डाॅ. विवके विज ने मरीज का लिवर प्रत्यारोपण किया।
हार्ट को जल्द से जल्द फोर्टिस अस्पताल नोएडा से फोर्टिस एस्काॅट्र्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कोरिडोर बनाया गया, जिसमें गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अहम भूमिका निभाई। डोनर के हार्ट को 22 किलोमीटर की दूरी तक महज 16.20 मिनट में ले जाया गया। डोनर से प्राप्त हार्ट नोएडा से रात 11.50 बजे चला और रात 12.06 बजे दिल्ली के ओखला में फोर्टिस हार्ट इंस्टीट्यूट तक पहुंचा दिया गया।
लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के निदेशक डाॅ. विवके विज ने कहा कि अंग प्राप्त करने वाले के लिए प्रत्यारोपण अक्सर दूसरे जीवन की तरह होता है। लिवर को मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग में से एक माना जाता है। जिनके ये अंग खराब (फेल) हो जाते हैं, उन्हें इसका प्रत्यारोपण किया जा सकता है।